ग़ज़ल - बस क़िस्से और कहानी में (Ghazal - Bas Kisse Aur Kahani Mein)
Manage episode 352998553 series 3337254
ग़ज़ल - घर में सजते चाँद सितारे, बस क़िस्से और कहानी में
घर में सजते चाँद सितारे, बस क़िस्से और कहानी में।
सोने चाँदी के गुब्बारे, बस क़िस्से और कहानी में।
रोज़ बिखरते ख़्वाब यहाँ पर, टूटे दिल भी हमने देखे,
सच होते हैं सपने सारे, बस क़िस्से और कहानी में।
नफ़रत झूठ फ़रेब दिखा है, इस ज़ालिम दुनिया में अपनी,
सभी लोग सच्चे और प्यारे, बस क़िस्से और कहानी में।
ज़ुल्म सितम दहशत है फैली, नेकी कोने में बैठी है,
जीते अच्छा बुरा ही हारे, बस क़िस्से और कहानी में।
शुक्रगुज़ारी भूल गए सब, ख़ुद-ग़रज़ी फ़ितरत है सबकी,
अपने सारे क़र्ज़ उतारे, बस क़िस्से और कहानी में।
- विवेक अग्रवाल 'अवि'
(बहर-ए-मीर)
Write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com
96 episoder