हिंदी (Hindi)
Manage episode 352055429 series 3337254
बड़ी पुत्री है संस्कृत की सरल भाषा तथा बोली।
निरंतर सीखती रहती सभी से बन के हमजोली॥
अनेकों रूप लेकर भी बड़ी मीठी है अलबेली।
भले अवधी या ब्रजभाषा खड़ी बोली या बुन्देली॥
ये जयशंकर महादेवी निराला जी की कविता है।
मधुर मोहक सरस सुन्दर चपल चंचल सी सरिता है॥
..
..
हमें सर्वोच्च दुनिया में अगर भारत बनाना है।
तो सोतों को जगाना है व हिंदी को बढ़ाना है॥
चलो हिंदी दिवस पर सब प्रतिज्ञा आज करते हैं।
कि भारत देश उपवन में छटा हिंदी की भरते हैं॥
Full Poem is available for listening
You may write to me at HindiPoemsByVivek@Gmail.com
#Hindi #HindiDiwas #WorldHindiDay #VishvHindiDiwas
96 episoder