Artwork

Innhold levert av Swami Atmananda Saraswati. Alt podcastinnhold, inkludert episoder, grafikk og podcastbeskrivelser, lastes opp og leveres direkte av Swami Atmananda Saraswati eller deres podcastplattformpartner. Hvis du tror at noen bruker det opphavsrettsbeskyttede verket ditt uten din tillatelse, kan du følge prosessen skissert her https://no.player.fm/legal.
Player FM - Podcast-app
Gå frakoblet med Player FM -appen!

Upadesh Saar-9 / उपदेश सार-९

2:05:41
 
Del
 

Manage episode 325958805 series 3091016
Innhold levert av Swami Atmananda Saraswati. Alt podcastinnhold, inkludert episoder, grafikk og podcastbeskrivelser, lastes opp og leveres direkte av Swami Atmananda Saraswati eller deres podcastplattformpartner. Hvis du tror at noen bruker det opphavsrettsbeskyttede verket ditt uten din tillatelse, kan du følge prosessen skissert her https://no.player.fm/legal.

उपदेश सार के ९वें प्रवचन में पू स्वामी आत्मानन्द जी ने बताया की एक-चंतन रुपी साधना के लिए महर्षि कहते हैं जब तक दूसरे का अस्तिव्त है तब तक ही मन कहीं भटकेगा लेकिन जब अन्य मिथ्या हो जाता है और आत्मा ही सत्य जान ली जाती है तब मन कहाँ जायेगा? इसके लिए वे केहते हैं की अपने मन में जो कोई भी विचार हैं उन्हें दृश्यवारित अर्थात दृश्य से रहित कर देना चाहिए। तब हमें चित्त का तत्त्व जिसे चित्व कहते हैं वो दिखेगा। चित्व ही तत्त्व होता है। जिसने तत्त्व का ज्ञान प्राप्त कर लिया उसका मन भटकना बंद हो जाता है। इसके लिए वे कहते हैं की हमें अपने मन पर विचार करना चाहिए - मानसं तु किम - हे मन तू क्या है? इस विचार की प्रक्रिया को वे आगे बताते हैं।

  continue reading

79 episoder

Artwork
iconDel
 
Manage episode 325958805 series 3091016
Innhold levert av Swami Atmananda Saraswati. Alt podcastinnhold, inkludert episoder, grafikk og podcastbeskrivelser, lastes opp og leveres direkte av Swami Atmananda Saraswati eller deres podcastplattformpartner. Hvis du tror at noen bruker det opphavsrettsbeskyttede verket ditt uten din tillatelse, kan du følge prosessen skissert her https://no.player.fm/legal.

उपदेश सार के ९वें प्रवचन में पू स्वामी आत्मानन्द जी ने बताया की एक-चंतन रुपी साधना के लिए महर्षि कहते हैं जब तक दूसरे का अस्तिव्त है तब तक ही मन कहीं भटकेगा लेकिन जब अन्य मिथ्या हो जाता है और आत्मा ही सत्य जान ली जाती है तब मन कहाँ जायेगा? इसके लिए वे केहते हैं की अपने मन में जो कोई भी विचार हैं उन्हें दृश्यवारित अर्थात दृश्य से रहित कर देना चाहिए। तब हमें चित्त का तत्त्व जिसे चित्व कहते हैं वो दिखेगा। चित्व ही तत्त्व होता है। जिसने तत्त्व का ज्ञान प्राप्त कर लिया उसका मन भटकना बंद हो जाता है। इसके लिए वे कहते हैं की हमें अपने मन पर विचार करना चाहिए - मानसं तु किम - हे मन तू क्या है? इस विचार की प्रक्रिया को वे आगे बताते हैं।

  continue reading

79 episoder

Alle episoder

×
 
Loading …

Velkommen til Player FM!

Player FM scanner netter for høykvalitets podcaster som du kan nyte nå. Det er den beste podcastappen og fungerer på Android, iPhone og internett. Registrer deg for å synkronisere abonnement på flere enheter.

 

Hurtigreferanseguide

Copyright 2024 | Sitemap | Personvern | Vilkår for bruk | | opphavsrett